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Showing posts from February, 2020

हमारे तो एक प्रभु हैं...

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  बड़े भाग मानुष तन पावा। मनुष्य शरीर बड़े भाग्य से मिलता है,भगवान की कृपा से मिलता है।इसलिए यह शरीर भगवान के लिए है।उनको प्राप्त करने के लिए है। वास्तव में एक मेरे प्रभु श्री सीताराम जी के अलावा और किसी की सत्ता है ही नहीं।आप विचार करके देखें,ये शरीर,ये संसार मिटनेवाला है,निरंतर मिट रहा है। जब हम मां के पेट से पैदा हुए थे,उस समय इस शरीर की क्या अवस्था थी और आज जब देखते हैं तो इसकी कैसी अवस्था है। ये संसार,ये शरीर पूर्व में जैसा था आज वैसा नहीं है और आज जैसा है,भविष्य में ऐसा नहीं रहेगा।यह निरंतर बदलने वाला है,बदल रहा है।लेकिन जो कभी नहीं बदलता सदा एकरूप बना रहता है वह केवल भगवद तत्व है,परमात्म तत्व है। हमारे प्रभु सीताराम जी निरंतर रहने वाले हैं और यह संसार  छूटनेवाला है। इसलिए हमें चाहिए कि हम दृढ़ता से यह मान लें कि प्रभु हमारे हैं और हम प्रभु के हैं।जैसे छोटा सा बालक कहता है कि मां मेरी है।कोई उससे पूछे कि बता मां तेरी क्यों है।तो इसका उत्तर उसके पास नहीं है।उसके मन में कोई शंका,कोई संदेह नहीं हैं। मां उसकी है, बस।फिर चाहे आप कुछ भी कहें, उसके लिए आपकी कोई बात महत्व ...

जानिए महाशिवरात्रि क्या है?

क्या 'नाम' जप से कल्याण होगा?

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अपने वर्णाश्रम धर्म का पालन करते हुए भगवान के पावन नाम का यदि कोई आश्रय ले, तो उसका कल्याण अवश्य ही हो जाएगा और भगवतप्राप्ति भी उसके लिए सुगम हो जाएगी,इसमें कोई संदेह नहीं है। भगवान का नाम सर्वोपरि माना गया है, उनका यह नाम जीव को भवसागर से पार करने की सुदृढ़ नौका है। इतना ही नहीं भगवान का नाम तो भगवान से भी बढ़कर है क्योंकि भगवान ने तो एक अहिल्या का ही उद्धार किया जो कि पत्थर की मूरत बनचुकि थी लेकिन नाम ने तो करोड़ो जीवों की कुमति को सुधार दिया। इसलिए कहा कि 'कहौ कहाँ लगि नाम बड़ाई । रामु न सकहिं नाम गुण गाई ।।' (मानस) इसलिए कहा गया है कि भगवन्नाम- संकीर्तन करो, श्री भगवान के नाम का जप करो, पर साथ ही दुर्व्यसनों से भी बचो।कहीं ऐसा न हो कि 'मुह में राम और बगल में छुरी' । एक बात सदैव स्मरण रखनी चाहिए कि भगवान केवल विशुद्ध प्रेम पर ही रीझते हैं।हम और आप संसार से छुपाव तो कर सकते हैं किन्तु भगवान से नहीं। मनुष्य को पर स्त्री और पर धन से कोसों दूर रहना चाहिए शराब,सिगरेट, तंबाकू,गांजा, मांस, मछली, प्याज और लहसुन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।घर का बना हुआ शुद्...